एक सेठ बड़ा धनवान था। उसे अपने ऐश्वर्य धन सम्पत्ति का बड़ा अभिमान था। अपने को बड़ा दानी धर्मात्मा सिद्ध करने के लिए घर पर नित्य एक साधु को भोजन कराता था। एक दिन एक ज्ञानी महात्मा आये उसके यहाँ भोजन करने को। सेठजी ने उनकी सेवा पूजा करने का …
Author
Admin
-
एक राजा बहुत अधिक बोलता था। उसका मन्त्री विद्वान् और हितचिन्तक था। इसलिये सोचता रहता था …
-
विनोद कुमार जैसे ही दुकान में घुसे दुकान के मालिक बृजमोहन ने उन्हें आदर से बिठाया …
-
एक गरीब आदमी था। वो हर रोज अपने गुरु के आश्रम जाकर वहां साफ-सफाई करता और …
-
एक बार एक अमीर सेठ के यहाँ एक नौकर काम करता था। अमीर सेठ अपने नौकर …
-
एक समय एक राज्य में राजा ने घोषणा की कि वह राज्य के मंदिर में पूजा …
-
बुराई की ऊपरी कांट-छांट से वह नहीं मिटती,उसे तो उसकी जड़ से मिटाना होता है। जब …
-
एक व्यक्ति ने अपने मित्र से कहा, मैं आपसे बहुत प्रेम करता हूँ। उसने पूछा कि …
-
एक गाँव में एक बढ़ई रहता था। वह शरीर और दिमाग से बहुत मजबूत था। एक …
-
सड़क किनारे एक बुढिया अपना ढाबा चलाती थी। एक मुसाफिर आया। दिन भर का थका, उसने …
Older Posts